Shri raghuvar ji ki aarti – आरती श्री रघुबर जी की
|| आरती श्री रघुबर जी की ||
आरती कीजै श्री रघुबर जी की |
सत चित आनंद शिव सुन्दर की ||
दशरथ तनय कौशल्या नन्दन |
सुर मुनि रक्षक दैत्य निकंदन ||
आरती कीजै श्री रघुबर जी की |
सत चित आनंद शिव सुन्दर की ||
अनुगत भक्त भक्त उर चन्दन |
मर्यादा पुरुषोत्तम वर की ||
आरती कीजै श्री रघुबर जी की |
सत चित आनंद शिव सुन्दर की ||
निर्गुण सगुण अपूप रूप निधि |
सकल लोक वन्दित विभिन्न विधि ||
हरण शोक – भय दायक नव निधि |
माया रहित दिव्य नर वर की ||
आरती कीजै श्री रघुबर जी की |
सत चित आनंद शिव सुन्दर की ||
जानकी पति सुर अधिपति जगपति |
अखिल लोक पालक त्रिलोक गति ||
विश्व वन्द्य अवन्ह अमित गति |
एक मात्र गति सचराचर की ||
आरती कीजै श्री रघुबर जी की |
सत चित आनंद शिव सुन्दर की ||
शरणागत वत्सल व्रतधारी |
भक्त कल्प तरुवर असुरारी ||
आरती कीजै श्री रघुबर जी की |
सत चित आनंद शिव सुन्दर की ||
नाम लेत जग पावनकारी |
वानर सखा दीन दुख हर की ||
आरती कीजै श्री रघुबर जी की |
सत चित आनंद शिव सुन्दर की ||
Shri raghuvar ji ki aarti – आरती श्री रघुबर जी की
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