माँ गंगा केवल एक नदी नहीं, बल्कि वह सनातन संस्कृति की जीवनधारा हैं। उनका जल केवल शरीर को ही नहीं बाल्की आत्मा को भी शुद्ध करता है
माँ गंगा की आरती प्रति दिन होती है जिसमें माँ गंगा की महिमा को गाया जाता है, मां गंगा की आरती करने से व्यक्ति के पाप नष्ट होते हैं और उसे मानसिक शांति मिलती है। गंगा में स्नान और आरती से जीवन में सकारात्मकता आती है और अध्यात्मिक उन्नति होती है। आरती के दौरान दीपक जलाने से तनाव दूर होता है और मन प्रसन्न रहता है। यह आरती मोक्ष देने वाली मानी जाती है, जो आत्मा को शांति प्रदान करती है।
ॐ जय गंगे माता श्री जय गंगे माता |
जो नर तुमको ध्याता मन वांछित फल पाता ||
चंद्र सी ज्योति तुम्हारी जल निर्मल आता |
शरण पड़े जो तेरी सो नर तर आता ||
ॐ जय गंगे माता श्री जय गंगे माता |
जो नर तुमको ध्याता मन वांछित फल पाता ||
पुत्र सागर के तारे सब जग की ज्ञाता |
कृपा दृष्टि तुम्हारी त्रिभुवन सुख दाता ||
ॐ जय गंगे माता श्री जय गंगे माता |
जो नर तुमको ध्याता मन वांछित फल पाता ||
एक ही बार जो तेरी शरणागति आता |
यम की त्रास मिटाकर परम गति पाता ||
ॐ जय गंगे माता श्री जय गंगे माता |
जो नर तुमको ध्याता मन वांछित फल पाता ||
आरती मातु तुम्हारी जो जन नित गाता |
दास वही सहज में मुक्ति को पाता ||
ॐ जय गंगे माता श्री जय गंगे माता |
जो नर तुमको ध्याता मन वांछित फल पाता ||
ॐ नमः गंगायै विश्वरूपिणी नारायणी नमो नमः॥
माँ गंगा जी की आरती | Ganga aarti lyrics in hindi
अपने प्यारे भारत वर्ष में माँ गंगा जी या गंगा मइया के प्रति अटूट श्रद्धा का भाव का है, सनातनी समाज के लिए गंगा जी का जल अमृत से भी बढ़ कर है, जब भी कोई पर्व त्यौहार आता है बड़ी संख्या में लोग बहुत ही भाव से माँ गंगा के पवित्र जल में स्नान करते हैं , प्रयागराज त्रिवेणी २०२५ के, जो की बारह सालो में लगने वाले महाकुम्भ में दुनिया भर के ६६ करोड़ से भी जादा श्रद्धालुओ ने पवित्र जल में स्नान किया इस महाकुम्भ में गंगा जी तट पर लाखों पूज्य साधु संतों ने एक महीनें से ज्यादा समय तक तक रहे और एक सनातन चेतना को जगाने का कार्य किया साथ ही साथ अमृत स्नान करके अपने मोक्ष की कामना की, धर्म, भक्ति और सांस्कृतिक एकता का विराट संगम रहा |
माँ गंगा जी की आरती | Ganga aarti lyrics in hindi